10th Science Examination :- बिहार बोर्ड मैट्रिक विज्ञान परीक्षा महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।
लघु उत्तरीय प्रश्न / Short Answer Type Questions
प्रश्न- संख्या 1 से 6 तक लघु उत्तरीय प्रश्न है, इनमें से किन्हीं चार प्रश्नों का उत्तर दें।
1. प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें और इसे किरण आरेख से दर्शायें
‘उत्तर:
एक प्रकाश किरण का किसी सतह से टकराने के उपरांत आपाती माध्यम (या निर्वात) में ही लौट जाना प्रकाश का परावर्तन कहलाता है। चित्र में आपतित किरण 40, सतह के बिंदु 0 से टकराकर, OB किरण के रूप में लौट गई है। यही प्रकाश का परावर्तन है।
प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं-
(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते हैं।
(ii) आपतन कोण (i) एवं परावर्तन कोण (1) एक-दूसरे के बराबर होते हैं। चित्र में किरण AO, किरण OB तथा अभिलंब ON एक ही तल में हैं तथा Zi= Zr है।
2. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?
उत्तर : –
दिन में सूर्य का रंग समय के साथ बदलता रहता है। दोपहर में जब सूर्य सिर पर होता है, तो सूर्य के प्रकाश के द्वारा वायुमंडल से होकर पृथ्वी तक आने में तय की गई दूरी न्यूनतम होती है। परंतु, सूर्योदय (एव सूर्यास्त) के समय सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक आने में अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। प्रकाश को पृथ्वी तक आने के क्रम में वायुमंडल में मौजूद अधिक सूक्ष्म कणों से होकर गुजरना पड़ता है, जो मुख्य रूप से नीले रंग को प्रकीर्णित कर देते हैं। अतः, जो बचा हुआ प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँचता है उसमें मुख्य रूप से लाल रंग ही होता है। यहीं कारण है कि सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है
3 . विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाये जाते हैं?
उत्तर : –
विद्युत तापन युक्तियों में बनाए जाते हैं, क्योंकि मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता एवं गलनांक के मान शुद्ध धातुओं की अपेक्षा बहुत अधिक होते हैं। इससे इनमें कम विद्युत-धारा प्रवाहित होने पर भी अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है और यह पिघलता भी नहीं है। 2
4 . फ्लेमिंग का दक्षिणहस्त नियम लिखें।
उत्तर : –
अपने दाहिने हाथ की तर्जनी, मध्यमा और अँगूठे को परस्पर लम्बवत् इस प्रकार फैलाएँ यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, अंगूठा चालक के गति की दिशा को व्यक्त करे तो मध्यमा चालक में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा को व्यक्त करेंगी।
5 . हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर क्यों ध्यान दे रहे हैं?
उत्तर : –
परंपरागत रूप से चली आ रही तकनीक से जीवाश्मी ईंधन को प्राप्त किया जाता है। जिससे काफी खर्च एवं काफी परेशानी होती है क्योंकि इसके लिए कुछ खास शर्तों का भी होना आवश्यक होता है। आज के इस वैज्ञानिक प्रणाली एवं तकनीकी के बढ़ते कदम में लगातार ऊर्जा की माँग बढ़ती जा रही है। ऐसे में ऊर्जा के पंरपरागत स्रोतों पर आश्रित रहना संभव नहीं है। इसलिए हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर ध्यान दे रहे हैं।
6 . प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की ‘चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s है।
उत्तर : –
अपवर्तनांक n = 1.5 काँच की प्लेट में प्रकाश की चाल, v = ? निर्वात में प्रकाश की चाल c = 3 x 108 m/s
C n 3 x 108 1.5 | = => V= V = 2 × 108 m/s Ans
7 . उस बुक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर :-
विभवमापी
8 . विद्युत् लैंप के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर :-
टंगस्टन की प्रतिरोधकता 5.2 x 108 ओम मीटर है। अर्थात् अति उच्च है। अतः यह बिना धिक गर्म हुए प्रकाश देर तक दे सकता है। इसका गलनांक 3300°C है। अतः यह जल्दी गलता नहीं है।
१. विद्युत् मोटर का क्या सिद्धांत है ?
उत्तर : –
जब किसी कुंडली को चुंबकीय क्षेत्र में रखकर उसमें धारा प्रवाहित की जाती है, तो कुंडली एक बल युग्म कार्य करने लगता है जो कुंडली को उसके अक्ष पर घुमाने का कार्य करता है।
9 . दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर: –
कोयला और पेट्रोलियम ।
10 . बेकिंग सोडा का रासायनिक नाम क्या है? इसके बनाने की विधि, गुण एवं उपयोग को लिखें।
उत्तर :-
बेकिंग सोडा का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनिट है। बेकिंग सोडा का सूत्र NaHCO3 है। बेकिंग सोडा को कभी-कभी भोजन जैसे चना को शीघ्र पकाने के लिए डाला जाता है। अमोनिया-सोडा विधि या साल्वे विधि : बेकिंग सोडा को बड़े पैमाने पर, सोडियम क्लोराइड के ठंडे और सांद्र विलयन (ब्राइन नामक) की अमोनिया तथा कार्बन डाइऑक्साइड के साथ क्रिया कराकर उत्पादित किया जाता है।
NaCl + NH3 + H2O + CO2 NaHCO3 + NH4C1
बेकिंग सोडा अमोनियम क्लोराइड
बेकिंग सोडा के गुणधर्म-
(i) बेकिंग सोडा सफेद क्रिस्टलों का बना होता है जो जल में बहुत ही कम विलेय होते हैं।
(ii) बेकिंग सोडा एक मंद, अक्षयकारी भस्म है। बेकिंग सोडा का जल में विलयन अतिमंद
क्षारीय होता है।
(iii) ऊष्मा का प्रभाव : जब ठोस बेकिंग सोडा (या उसके विलयन) को गरम किया जाता है, तो वह अपघटित होता है और कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलने के साथ सोडियम कार्बोनेट बनाता है।
बेकिंग सोडा के उपयोग NaHCO3 + HCI NaCl + CO21 + H2O
(i) बेकिंग सोडा को आमाशय में अम्लता दूर करने के लिए औषधि में ऐन्टैसिड के रूप में ‘उपयोग किया जाता है। क्षारीय होने से, सोडियम हाइडोजनकार्बोनेट आमाशय (पेट) में उपस्थित अतिरिक्त अम्ल को उदासीन करता है और अपच से छुटकारा दिलाता है।
(ii) बेकिंग सोडा को बेकिंग पाउडर (केक, ब्रेड, इत्यादि के बनाने में प्रयुक्त) बनाने में उपयोग किया जाता
(iii) बेकिंग सोडा का उपयोग अग्निशामक यंत्रों में भी किया जाता है। 19. मिश्रधातु किसे कहते हैं? इसके दो उदाहरण दें। मिश्रधातु के तीन उपयोगों का वर्णन करें। 5
उत्तर : धातु के विभिन्न गुणधर्मों जैसे आधातवर्ध्यता, तन्यता, मजबूती, कठोरता, संक्षारण- प्रतिरोध, दिखावट, इत्यादि को उसके साथ अन्य धातुएँ मिश्रित करके सुधारा जा सकता है। दो या अधिक धातुओं का यह मिश्रण, मिश्रधातु कहलाता है।
मिश्रधातु के दो उदाहरण-
(i) ऐलुमिनियम धातु हलकी होती है परंतु मजबूत नहीं, लेकिन कॉपर, मैग्नीशियम और मैंगनीज के साथ ऐलुमिनियम की मिश्रधातु (ड्यूरालुमिन नामक) हलकी होने के साथ-साथ मजबूत होती है। क्योंकि ड्यूरालुमिन हलकी और मजबूत भी होती है, इसे वायुयान के ढाँचे बनाया जाता है