10th Social Science Examination :- बिहार बोर्ड मैट्रिक सामाजिक विज्ञान परीक्षा महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।

10th Social Science Examination :- बिहार बोर्ड मैट्रिक सामाजिक विज्ञान परीक्षा महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।

 

 

निर्देश: नीचे दिए गए प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न है। इनमें से किन्हीं दो प्रश्नों का उत्तर दें। प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है।

1 . भारत में किस तरह जातिगत असमानताएँ जारी हैं? स्पष्ट करें।

उत्तर : –

भारतीय संविधान में कहा गया है कि भारत लिंग, जन्मस्थान, जाति, धर्म इत्यादि के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा। इसी उद्देश्य से अस्पृश्यता का अंत कर दिया गया है। इतना होने पर भी भारत में आज भी कई जातिगत असमानताएँ विद्यमान है—

(i) जाति का आधार कर्म न होकर जन्म हो गया है।
(ii) जाति पाँति का भेदभाव समाप्त नहीं हुआ है। अस्पृश्यता जैसे आचरण आज भी प्रचलित है।
(iii) राजनीतिक दलों द्वारा टिकट का बँटवारा भी जाति के आधार पर ही हो रहा है।

2 . सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र में क्या ह रखती है?

उत्तर : –

सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। सत्ता में भागीदारी की आवश्यकता दो महत्त्वपूर्ण कारणों से है—

(i) देश की एकता और अखंडता के लिए जिससे व्यवस्था में स्थायित्व बना रहे और
(ii) अधिक-से-अधिक लोगों तथा समूहों को शासन व्यवस्था से जोड़ने के लिए जिससे लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हो सके।

 

3 . बिहार में हुए छात्र आंदोलन के प्रमुख कारण क्या थे?

उत्तर–

1971 के लोकसभा चुनावों के उपरांत लोगों ने महसूस किया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की आर्थिक स्थिति और दयनीय हो गई है। 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ, परंतु बांग्लादेशी शरणार्थियों की समस्या ने इस स्थिति को और भी भयावह बना दिया। बेरोजगारी, खाद्यान का अभाव, दैनिक जीवन की सभी वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई। अनाज की कीमतें आसमान छूने लगीं। ऊपर से सरकार की दमनकारी नीतियों ने अधिनायकवादी व्यवस्था का रूप ले लिया। जनता की बेचैनी दिनानुदिन बढ़ती चली गई। बिहार में इस अकुलाहट का प्रतिनिधित्व यहाँ के छात्रों ने किया।

 

4 . भारतवर्ष में लोकतंत्र के भविष्य को आप किस रूप में देखते हैं?

उत्तर : –

भारत में लोकतंत्र की जड़ें गहरी हो रही हैं। समानता, स्वतंत्रता एवं जनभागीदारी पर आधृत होने के कारण लोकतंत्र में जनता का विश्वास दृढ होता जा रहा है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन को प्रक्रिया से सत्ता परिवर्तन के कारण जनप्रतिनिधियों में उत्तरदायित्व की भावना बढ़ रही है। तथापि, अशिक्षा, बेरोजगारी एवं गरीबी उन्मूलन की चुनौती बनी हुई है। ले-देकर भारत में लोकतंत्र का भविष्य उज्ज्वल है।

5 . आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। कैसे?

उत्तर : –

आतंकवाद लोकतंत्र के समक्ष प्रमुख चुनौती है। आतंक से जनता परेशान हो जाती है। आतंक के वातावरण जनता का जीना कठिन हो जाता है। विकास की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। नागरिकों के बीच भाईचारे का वातावरण प्रभावित होता है तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता खतरे में पड़ जाती है। वर्तमान में नक्सली एवं अलगाववादी गतिविधियों भारतीय प्रजातंत्र के लिए गंभीर चुनौती बनी हुई हैं। पूर्वोत्तर की आतंकवादी और कई प्रदेशों में नक्सली गतिविधियाँ अलगाववाद और हिंसा को बढ़ हैं। ये राष्ट्र की एकजुटता को प्रभावित करती है और लोकतंत्र को कमजोर बनाती है।

 

6 . भावी समाज में लोकतंत्र की जिम्मेवादी और पर एक क्षिप्त टिप्पणी लिखे ?

उत्तर :-

भावी समाज में लोकतंत्र की बहुत बड़ी जिम्मेवारी एवं जवाबदेही है। इस प्रकार की शासन व्यवस्था में जनकल्याण की महती जिम्मेवारी निहित रहती है। लोकतंत्र का उद्देश्य जनता का विकास करना है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामाजिक न्याय को प्रमुखता दी दी जाती है, ताकि शासन एवं लोकतंत्र के प्रति जनता को सरकार पर भरोसा कायम हो। लोकतंत्र का मूल उद्देश्य आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक विषमताओं को दूर करना है।

10th Social Science Examination
10th Social Science Examination

7 . भारत में लोकतंत्र कैसे सफल हो सकता है ? ● भारत में लोकतंत्र की सफलता के लिए निम्नांकित शर्तें आवश्यक हैं।

 

उत्तर : –

 

(i) जनता की जागरूकता- “सजगता प्रजातंत्र का आधार है। जनता की जागरूकता, सतर्कता तथा अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अभिज्ञता इसकी सफलता की शर्तें हैं।
(ii] सामंजस्यपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवेश- – भारत में हर क्षेत्र में विषमता वर्तमान है। सामंजस्यपूर्ण समाज और सहमति आधारित लोकतंत्र की स्थापना के लिए इन्हें दूर करना होगा।
अशिक्षा की समाप्ति और नागरिक गुणों का विकास- अशिक्षा की समाप्ति के बिना न तो प्रजातंत्र की कीमत समझी जा सकती है, न ही मताधिकार का सही प्रयोग संभव हो सकता है। शिक्षा के व्यापक प्रसार के द्वारा नागरिक गुणों का विकास किया जा सकता है।
(iii) लोकतांत्रिक गुणों का विकास—समानता, स्वतंत्रता और भ्रातृत्व जैसे सिद्धांतों की स्थापना करके लोकतंत्र के विकास के मार्ग की बाधाओं को दूर करना होगा।
(iv) नैतिक मूल्यों की स्थापना- जीवन के हर क्षेत्र में नैतिक मूल्यों को प्रतिष्ठित कर लोकतंत्र को स्वार्थ, द्वेष और अन्य बुराइयों से मुक्त करना होगा ।”
(v) अन्य शर्ते – निष्पक्ष प्रेस, सामाजिक-आर्थिक समानता, बेरोजगारी पर नियंत्रण तथा पंचायती/ नगरीय राज व्यवस्था को और मजबूत बनाकर हम लोकतंत्र को सफल बना सकते हैं।

 

8 . अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?

उत्तर : –

किसी देश के संपूर्ण आर्थिक व्यवहार को अर्थव्यवस्था कहते हैं। यह उस देश की आर्थिक क्रियाओं का वह समग्र है, जिनके माध्यम से संसाधनों का उपयोग कर मानवीय आवश्यकताओं की वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन किया जाता है। अर्थव्यवस्था उत्पादन कार्य में लगे लोगों को जीविकोपार्जन के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करती है।

 

9 . आय गरीबी के साथ संबंध स्थापित करें।

 

उत्तर : –

 

आय का गरीबी से घनिष्ठ संबंध है। बहुत कम आय होने के कारण ही कोई व्यक्ति या परिवार विपन्नता में जीवनयापन करता है तथा उसका भोजन, वस्त्र, शिक्षा, चिकित्सा आदि मूलभूत आवश्यकताओं की भी पूर्ति नहीं होती है। अशिक्षा एवं अज्ञानता के कारण गरीब परिवार की अगली पीढ़ी
गरीब रह जाती है। अतः गरीबी गरीबी को जन्म देती है।

10 . ATM क्या है?

उत्तर : –

ए.टी.एम. कार्ड ग्राहकों को बैंक द्वारा निर्गत एक ऐसा प्लास्टिक कार्ड है जिसका उपयोग का ग्राहक स्वचालित टेलर मशीन (Automated Teller Machine) से कभी भी रुपये की निकासी कर सकते हैं। इसका उपयोग Swipe Machine द्वारा भुगतान के लिए भी हो सकता है।

 

11 . सहकारिता के महत्त्वपूर्ण तत्त्व क्या हैं? राज्य के विकास में इसकी भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर : –

सहकारिता लोगों के आपसी सहयोग द्वारा समान आर्थिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बनाया गया ऐच्छिक संगठन है। सहकारिता संगठन सदस्यों द्वारा आपसी सहयोग के माध्यम से सभी के आर्थिक उन्नति की भावना पर कार्य करती है। सहकारिता के मूल तत्त्व इस प्रकार हैं—
(i) यह एक ऐच्छिक संगठन है।
(ii) इसमें सभी सदस्यों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।
(iii) इसकी स्थापना सामान्य आर्थिक हितों की प्राप्ति के लिए होती है। (iv) इसका प्रबंध प्रजातांत्रिक सिद्धांतों के आधार पर होता है। बिहार एक ग्रामप्रधान राज्य है। यहाँ की 88.7 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। इनमें अधिकांश कृषि एवं इससे संबद्ध क्रियाकलापों द्वारा जीविकोपार्जन करते हैं। बिहार ग्रामीण परिवारों में बहुत ‘छोटे अथवा सीमांत किसानों तथा भूमिहीन श्रमिकों की संख्या सर्वाधिक है। इस प्रकार के सीमित साधनों वाले व्यक्ति सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही अपने आर्थिक हितों में वृद्धि कर सकते हैं।

1 thought on “10th Social Science Examination :- बिहार बोर्ड मैट्रिक सामाजिक विज्ञान परीक्षा महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।”

Leave a Comment