Bihar Board 10th Sanskrit :- बिहार बोर्ड मैट्रिक संस्कृत परीक्षा महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।
निम्नलिखित में किन्हीं आठ प्रश्नों के उत्तर दें-
(1 ) नदी और विद्वान् में क्या समानता है?
उत्तर : –
जिस प्रकार बहती हुई नदियाँ अपने नाम और रूप अर्थात व्यक्तित्व को छोड़कर समुद्र में मिल है, उसी प्रकार विद्वान् पुरुष भी अपने नाम और रूप त्यागकर ब्रह्म अर्थात् परमात्मा में विलीन हो जाते हैं। इसका मूल भाव है कि नदी के समान विद्वान् पुरुष में अहंकार नहीं होता है फलस्वरूप वे ब्रह्मा को प्राप्त कर लेते है
( 2 ) पाटलिपुत्र के वैभव पर प्रकाश डालें।
उत्तर : –
पाटलिपुत्रनगर अपनी समृद्धि के लिए सभी क्षेत्रों में प्राचीनकाल से ही प्रसिद्ध है। दामोदर गुप्त ने अपनी पुस्तक कुट्टनीम काव्य में स्पष्ट कहा है कि यह नगर पृथ्वी का तिलक, विद्वानों की वास-स्थली तथा स्वर्ग से भी सुंदर है। इसी प्रकार का विचार मेगास्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग, इत्सिंग आदि का भी है। यह नगर चन्द्रगुप्त मौर्य के समय अति शोभनीय एवं रक्षा व्यवस्था में उत्तम था। अशोक के समय में यह सबसे अधिक समृद्ध था तथा अंग्रेजी शासनकाल में इस नगर का काफी विकास हुआ।
( 3 ) ‘अलसकथा’ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर : –
अलसकथा पाठ से मानवीय गुणों का विकास तथा दोषों को दूर करने की शिक्षा मिलती है। इस पाठ से हमें शिक्षा मिलती है कि आलस्य मनुष्य के शरीर में स्थित सबसे बड़ा शत्रु है। आलसी मनुष्य जीवन में कदापि सफल नहीं हो सकता।
( 4 ) विजयांका को ‘सर्वशुक्ला सरस्वती’ क्यों कहा गया है?
उत्तर : –
नीलकमल की पंखुड़ियों की तरह विजयाङ्का अपनी रचना में अद्धत लेखन कला की आभा बिखेरती है। वह श्यामवर्णा थी, किंतु उसकी कृतियों ज्योतिर्मय थीं। एक असाधारण लेखिका की पराकाष्ठा से प्रभावित होकर ही दण्डी कवि ने उसे ‘सर्वशुक्ला सरस्वती’ कहा है।
( 5 ) भारतीय लोगों की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता क्या है?
उत्तर : –
भारतीय लोगों की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण विशेषता है कि लोग भारत में जन्म लेकर धन्य होते हैं, क्योंकि उन्हें स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता है। भारतवासी धर्म और जाति में भेदभावों को न मानते हुए एकता भाव से रहते हैं।
( 6 ) मनुष्य के जीवन में संस्कारों की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर : –
मनुष्य जीवन में संस्कारो की पयोगित वर्णन करते हुए लेखक कहना चाहता है कि संस्कारों के पालन से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। इससे गुण बढ़ते हैं तथा दोषों का नाश होता है। भारतीय संस्कृति संस्कारों के कारण ही है तथा संस्कारों को उचित समय पर पालन करने की शिक्षा देता है
( 7 ) संस्कार कितने होते हैं? वर्णन करें।
उत्तर : –
जिसके कर्म को सर्दी-गर्मी भय-आनंद, उन्नति अवनति बाधा नहीं डालते हैं, उसे पंडित कहते हैं। इतना ही नहीं, सभी जीवों के रहस्य को जाननेवाला तथा सभी कर्मों के कौशल को जाननेवाला भी पंडित कहलाता है।
( 8 ) कर्मवीर कौन था एवं उसके जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
कर्मवीर रामप्रवेश राम था। उसके जीवन से हमें शिक्षा मिलती है कि गाँव में निवास करनेवाले दलित एवं निर्धन छात्र भी परिश्रम के बल पर सर्वोच्च शिखर पर पहुँच सकते हैं। उत्साह,
( 9 ) समाज के उन्नयन में स्वामी दयानंद के योगदानों पर प्रकाश डालें।
उत्तर : –
समाज के उन्नयन में स्वामी दयानंद के अनेक योगदान है। समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को दूरकर एक नए समाज की स्थापना की। जातिवाद, छुआछूत का अशिक्षा, धर्म में आडंबर आदि अन्य कई कुरीतियों के खिलाफ जागरण किया। इन कार्यों को करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की। उन्होंने मूर्तिपूजा का विरोध किया तथा वैदिक धर्म का प्रचार किया।
( 10 ) संसार से अशांति कैसे नष्ट हो सकती है?
उत्तर : –
श्रीराम के अनुसार प्रकृति ही मनुष्य को पालती है। सीता को संबोधित करते को हुए श्रीराम का कहना है कि प्रकृति सर्वदा शुद्ध होना चाहिए। प्रकृति के लगाव के बिना हमारा जीवन सुखमय एवं आनंदमय नहीं हो सकता। प्रकृति सौंदर्य मानव को यथार्थ का दर्शन कराता है। यही विचार
हमारा भी है।
( 11 ) उपनिषद् ग्रंथ का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर : –
गरीबों को धन देना चाहिए। धनी को धन नहीं देना चाहिए। रोगी को दवा और पथ्य की आवश्यकता होती है। नीरोग को दवा से मतलब नहीं Locacio होता। इस तरह का विचार व्याघ्रपथिककथा में बाघ पथिक को समझाते हुए कहता है, जिससे प्रभावित होकर उसके बातों में आ जाए।
( 12 ) दानवीर कर्ण के चरित्र पर प्रकाश डालें।
उत्तर : –
कर्ण कुंती का पुत्र होते हुए भी महाभारत के युद्ध में कौरवपक्ष से लड़ाई लड़ी। दुर्योधन ने कर्ण को अंग देश का राजा बनाया था कर्ण विचार एवं मी सम्मान को महत्त्व देनेवाला कृतज्ञ राजा था। उसके शरीर पर जन्मजात कवच और कुंडल विद्यमान था। वह दानवीर के रूप में प्रसिद्ध था, क्योंकि कवच और कुंडल भी दान कर दिया था।
( 13 ) विश्वशांति का सूर्योदय कब होता है?
उत्तर : –
विश्व में शांति स्थापित करने के लिए राष्ट्रसंघ की स्थापना की गई। इसका उद्देश्य दो या दो से अधिक देशों में कलह को शांत करना है। हम जानते हैं कि विश्व स्तरीय प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध हुए जिसमें विश्व के प्रायः अधिकांश देशों को जान-माल गँवानी पड़ी। इस संस्था के माध्यम से समय-समय पर आनेवाले युद्ध को रोका जा सकता है !
( 14 ) राष्ट्रसंघ की स्थापना का उद्देश्य स्पष्ट करें।
उत्तर : –
विश्वशांति पाठ के माध्यम लेखक का कहना है कि जब परोपकार की भावना का विकास होता है। तथा एक- दूसरे देशों को मदद करने की भावना उत्पन्न होती है तब विश्वशांति का सूर्योदय होता है। आज प्रायः सभी देश एक दूसरे को संकटकाल में सहायता राशि और भोजन सामग्री भेजते है।
( 15 ) भारतीय दर्शनशास्त्र एवं उनके प्रवर्त्तकों की चर्चा करें।
उत्तर : –
भारतीय दर्शनशास्त्र छह है। सांख्यदर्शन के प्रवर्तक कपिल, योगदर्शन के प्रवर्तक पतञ्जलि, न्यायदर्शन के प्रवर्तक गौतम, वैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक कणाद, मीमांसादर्शन के प्रवर्तक जैमिनी तथा वेदांत दर्शन के प्रवर्तक वादरायण ऋषि हैं।