Inter Chemistry Exam :- बिहार बोर्ड इंटर रसायन शास्त्र परीक्षा महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ।
1 . काँध को अतिशीतित द्रव्य क्यों माना जाता है?
उत्तर-
काँच को अतिशीतित द्रव्य माना जाता है क्योंकि यह द्रवों के कुछ अभिलक्षणों को दर्शाता है। उदाहरण के लिए पुराना काँच पेंदे पर थोड़ा मोटा होता है। अतः यह द्रवों की तरह बहुत मंद गति से प्रवाहित होता है।
2 . क्या होता है जब ॥ ब्यूटिल क्लोराइड को ऐल्कोहॉलिक KOH के साथ प्रतिक्रिया कराया जाता है?
उत्तर-
जब 1 ब्यूटिल क्लोराइड को ऐल्कोहॉलिक KOH के साथ अभिक्रिया
कराया जाता है तो ब्यूट-1-ईन बनता है। ब्यूटिल क्लोराइड → CH3 – CH2 – CH = CH 2 + Hel But-l-ene प्रश्न 3. हैलोजन परिवार के कौन-कौन सदस्य हैं? उत्तर- फ्लोरीन (F) क्लोरीन (CI), ब्रोमीन (Br) तथा आयोडिन (I) हैलोजेन परिवार के सदस्य हैं।
3 . डेटॉल का मुख्य संघटक क्या है?
उत्तर-
डेटॉल (Dettol) का मुख्य संघटक क्लाइसिनॉल होती (Chloroxylenol) तथा टपॉनिऑल (Terpieol) है।
4 . झाग-प्लावन विधि से किस प्रकार के अयस्कों को सान्द्रित परम किया जाता है? उदाहरण दें।
उत्तर-
फोन उत्प्लावन विधि : साधारणतः सल्फाइड अयस्कों को इस विधि से सान्द्रित किया जाता है। अयस्क के महीन चूर्ण को जल से भरे एक बर्तन में डाल दिया जाता है। इनमें थोड़ा सा तारपीन या पाइन का तेल और Na, CO, भी मिला दिया जाता है। फिर हवा की प्रवाह भेजी जाती है। ऐसा बैटर करने से अयस्क फोन के साथ ऊपर चली जाती है और अशुद्धियाँ नीचे बैठी प्रवा रहती हैं। फेत के साथ अयस्क को अलग कर सुखा लिया जाता है। इस विधि द्वारा कॉपर पाइराइट (CureS2), जिंक ब्लैड (ZnS), गलेना (PbS) इत्यादि अयस्कों को सान्द्रित किया जाता है।
5 . किसी ठोस पर गैस के अधिशोषण को प्रभावित करनेवाले कारक कौन से हैं?
उत्तर-
किसी ठोस पर गैस के अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं : (a) अधिशोष्य की प्रकृति (b) अधिशोषक की प्रकृति (c) अधिशोषक की सक्रियता (d) अधिशोषण की एन्थैल्पी (c) आण्विक तल की प्रकृति ।
6 . मेथिल ऐमीन ऐनीलीन से ज्यादा क्षारीय है। कारण बतायें।
उत्तर-
एनीलीन में नाइट्रोजन परमाणु पर उपस्थित इलेक्ट्रॉन युग्म बजीन रिंग के साथ संयुग्मन में रहता है, जिससे इलेक्ट्रॉन घनत्व घट जाता है। NHMINA मिथाइल ऐमीन में CH, समूह का +1 प्रभाव नाइट्रोजन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व को बढ़ा देता है। CH, NH अतः ऐनीलीन की क्षारीय शक्ति मिथाइल ऐमीन से कम होती है।
7 . संक्रमण तत्वों में परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्था क्यों होती है?
उत्तर-
संक्रमण तत्त्वों (Transition element) में परिवर्तनशील ऑक्सीकरण
अवस्था उनमें अपर्व d-ऑर्बिटल के कारण होती है। (n-1)di-10 ns-
8 . प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक 0.0005 मिनट है। इस अभिक्रिया का अर्द्धकाल समय निकालें।
उत्तर-
प्रश्न के अनुसार, k 0.0005min : 12-7 हम जानते हैं कि 11/2 0.693 0:693 k 0.0005 = 138.6min
9 . लैक्टोस के जल अपघटन में कौन-सा उत्पाद बनता है?
उत्तर-
लैक्टोज के जल अपघटन के उत्पाद B-D-ग्लैक्टोज तथा B-D ग्लूकोज है।
10 . द्विक लवण किसे कहते हैं? उदाहरण द्वारा समझाएँ।
उत्तर –
द्विक लवण : ठोसावस्था में स्थायी वैसा यौगिक जो विलयन में उपयो अवयवी आयनी में विघटित होता है, दिकू लवण कहलाता है। उदाहरण-कार्नालाइट- Kol.MgC1, 6H.O एम- K. SO, AI (SOJ, 24HO
11 . उत्कृष्ट गैसों की परमाणु त्रिज्या तुलनात्मक रूप से बड़ी इलिनॉल होती है। क्यों?
उत्तर –
अपने अंतरालों में आदर्श गैसों का आकार बड़ा है। आदर्श गैस परमाणु नहीं बनाती। इनमें केवल वान डर वाल्स आकर्षण हो वान डर वाल्स त्रिज्या, सहसंयोजी त्रिज्या से बड़ी होती है ज्योंही हम वर्ग में नीचे की और जाते हैं तब इनका आकार बढ़ता है क्योंकि कक्षकों की संख्या बढ़ती जाती है।
12 . संचायक बैटरी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर –
लम्बे समय तक बार-बार प्रयोग किया जानेवाला बैटरियाँ संचायक जाती है। ऐसा बैटरी कहा जाता है जिनके उपयोग के बाद विपरीत दिशा में विद्युतधारा के याँ नीचे बैठी प्रवाह द्वारा पुनः आवेशित कर पुनः प्रयोग में लाया जाता है।
उदाहरण-Lead
13 . फिनॉल अल्कोहल से ज्यादा अम्लीय है। क्यों?
उत्तर –
फिनॉल में अनुनाद ( resonance) के कारण ऑक्सीजन परमाणु पर आशिक धन आवेश आ जाता है जिसके कारण OH समूह से H+ आयन का मुक्त होना आसान हो जाता है जबकि ऐल्कोहॉल में ऐसा नहीं होता है।
14 . ऐलुमिना के विद्युत अपघटन अवकरण में क्राबोलाइट के उपयोग के क्या लाभ हैं
उत्तर –
ऐलुमिनियम के चातुकर्म में धातु को ऐलुमिना (ALO) के वैद्युत अपघटनी अपचयन द्वारा पृथक करना होता है। ऐलुमिना का गलनांक 2323 K होता है। अत: इसमें लाइट (Na, AIF) मिलाते हैं जो इसके गलनांक को 1173K तक भरा देता है। इसमें भी अधिक क्रायोलाइट, ऐलुमिना की वैद्युत चालकता को भी बढ़ा देता है।
15 . मानक इलेक्ट्रॉड विभव की परिभाषा दें।
उत्तर –
मानक इलेक्ट्रोड विभव : जब किसी धातु छड़ को IM सान्द्रण वाले विलयन जिसका तापमान 298k हो में डुबतने के बाद दोनों विभवों के बीच उत्पन्न विभव को मानक इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं । मानक इलेक्ट्रोड विभव निर्धारण के लिए किसी धातु इलेक्ट्रोड को मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड से जोड़ा जाता है।
16 . सक्रिय ऊर्जा क्या है ? किसी अभिक्रिया के वेग स्थिरांक और सक्रिय ऊर्जा में सम्बन्ध स्थापित करें
उत्तर –
सक्रिय ऊर्जा: किसी भी रासायनिक प्रतिक्रिया को सम्पन्न होने के लिए यह आवश्यक है कि अभिकारकों के अणुओं में एक निश्चित न्यूनतम् ऊर्जा होनी चाहिए । ऊर्जा को वह न्यूनतम मात्रा जो अभिकारक के अणुओं के पास होनी चाहिए जिससे कि वे उत्पाद में परिवर्तन हो सके देहली ऊर्जा कहलाती है । अभिकारक के जिन अणुओं की ऊर्जा देहली ऊर्जा से कम होती है, उत्पादों में प्रवर्तित नहीं हो पाता है, अतः वह अतिरिक्त ऊर्जा जो अभिकारक के अणु देहली ऊर्जा के बराबर के लिए ग्रहण करते हैं सक्रिय ऊर्जा कहलाता है
17. टिन्डल प्रभाव क्या है ? व्याख्या करें।
उत्तर –
जब प्रकाश की एक बीम को कोलॉइडी घोल से होकर गुजरने देते हैं। घोल के अन्दर प्रकाश-बीम का रास्ता चमकने लगता है इस क्रिया को डिल प्रभाव कहते हैं । सामान्य घोलों में ऐसा नहीं होता है। जब सूर्य के प्रकाश की एक बीम किसी छेद द्वारा अंधेरे घर में पहुंचती है, तो उसमें चमकते हुए धूल कण आसानी से देखे जा सकते है हवा में धूल कण एक कोलॉइडी विलयन बनाते हैं। कोलॉइडी कणों का यह गुण उनके द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है ।
18 . संक्रमण तत्व रंगीन यौगिक बनाते हैं। व्याख्या करें।
उत्तर –
रंगीन लवण का निर्माण संक्रमण तत्व रंगीन लवण का निर्माण करते हैं, क्योंकि संक्रमण तन्वों आयनों में कक्षक के अयुग्मित इलेक्ट्रॉन बाह्य वातावरण से ऊर्जा अवशोषित करके उच्च ऊर्जा तलों में संक्रमण कर जाता है और पुनः लौटने समय ऊर्जा को प्रकाश के रूप में उत्सर्जन करता है। इस प्रकार संक्रमण तत्व रंगीन लवण का निर्माण करता है।
19. किसी घोल की मोलरता एवं मोललता में अंतर को समझाइए |
उत्तर-
मोलरता (Molarity)-किसी विलयन के प्रति लीटर घोल में घुले हुए मुख्य के मोलों की संख्या को मोलरता (M) कहा जाता है। मोलरता (M) विलेय के मोलो की संख्या आयतन (L) मोललता (Molality)-किसी मुल्य के मोलों की संख्या जो 1 kg गोलक में चुलता है, उसे मोललता (m) कहा जाता है, मोललता (71) = विलेय के मोलो की संख्या •x 1000
विलायक का भार (९) N.
20. राउल्ट के वाष्पदाब के सापेक्ष अवनमन नियम की व्याख्या करें।
उत्तर –
वाच्य दाब में आपेक्षिक अवनमन-द्रव का वाष्प दाब अवाष्पशील विलेय पदार्थ की उपस्थिति में कम हो जाता है और यह कभी विलेय के मात्रा के अनुपात में होती में होती है। घोल के वाप्य दाब के अवनमन और विलेय के वाम दाब के अनुपात को वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन कहा जाता है । माना, विलेय का बाप दाब = P विलयन का वाष्प दाब = Ps वाष्प दाब
राउल्ट नियम के अनुसार किसी के वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन विलयन में उपस्थित विलेय के मोल प्रभाग (Mole fraction) के बराबर होता है।